एक नयी शुरुआत चाहता हूँ
मैं तुमसे कुछ करना बात चाहता हूँ
जो बस जाए तुम्हारे ज़ेहन में भी
वो एक करना मुलाकात चाहता हूँ
हूँ सही या गलत मैं
बुरा ही, पर एक
अंजाम चाहता हूँ
नाज़ुक डोर सा ही सही, रिश्ता तो हो
तुमसे वो हर एक जज़्बात चाहता हूँ
कट जाए ये जिंदगी आपकी याद में
इक हँसी का आघात चाहता हूँ
हो जरुरत और याद करो तुम
एक पल को ऐसे हालात चाहता हूँ
न बदलेगी मेरी ये फितरत
गुस्ताखी माफ़ चाहता हूँ
जो बस जाए तुम्हारे जेहन में भी
वो करना एक
मुलाकात चाहता हूँ