Saturday 16 May 2015

एक वक़्त...

एक वक़्त तुझे पाने में गया,
एक वक़्त तुझे भुलाने में गया,
एक वक़्त तू साथ थी मेरे,
एक वक़्त वीराने में गया|

एक वक़्त कभी हंसाते थे तुझे,
एक वक़्त तरस खुद मुस्कुराने को गया,
एक वक़्त नशा तेरा था मुझे,
एक वक़्त महफ़िल-ए-मयखाने में गया|

एक वक़्त तेरी बाते सुनते थे बहुत,
एक वक़्त सन्नाटे में गया,
एक वक़्त तेरी बाते औरो से करते थे,
एक वक़्त खुद को सबसे छुपाने में गया|

एक वक़्त थी सब खबर मुझे,
एक वक़्त खो ज़माने में गया,
एक वक़्त ख्वाबो में थी तू,
एक वक़्त यादो के सताने में गया|

एक वक़्त थी तन से रूह तक,
एक वक़्त दिल दिमाग से लड़ जाने में गया,
एक वक़्त थी मोहब्बत तुझसे,
एक वक़्त खुद को आजमाने में गया|

एक वक़्त यकीन कि तू आएगी,
एक वक़्त लौट जाने में गया,
एक वक़्त इबादत थी तू, और
एक वक़्त मुल्हिद कहलाने में गया|